भारत के प्रधानमंत्री इन दिनों COP 28 के चलते DUBAI में है जहा उनकी मुलाकात इटली की PM Giorgia Meloni से हुयी प्रधानमंत्री ने अपने x हैंडल पर तस्वीर साझा करते हुए कहा -
Incontro con PM @GiorgiaMeloni dell'Italia a margine del #COP 28 Summit.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2023
Confido negli sforzi congiunti di India e Italia per un futuro prospero e sostenibile. pic.twitter.com/zdCSLHOKya
क्या है COP
Conference of the Parties
कॉप 28, जो कि जलवायु परिवर्तन से जुड़े हुए अंतरराष्ट्रीय समझौतों का एक महत्वपूर्ण मंच है, हमारे समय की सबसे महत्वपूर्ण वातावरणीय सम्मेलनों में से एक है। इसमें दुनियाभर के विदेशी मंत्री, वैज्ञानिक, और उद्यमी एकत्र होते हैं ताकि वे साझा सोच से आने वाली जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर सकें।
कॉप 28 का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
कॉप, या कॉन्फ़्रेंस ऑन पार्टीज़, जलवायु परिवर्तन समझौता (जीएचजी) की नींव होता है, जो 1992 में रियो दि जेनेरो की पृथ्वी सम्मेलन में शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने वाले सांविदानिक और नीतिगत समाधानों को बढ़ावा देना है।
कॉप 28 का विषय:
इस बार का कॉप विशेष रूप से यह 3 मुख्य स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करेगा: औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन; हरित ऊर्जा परिवर्तन को तेज़ करना; और जलवायु कार्रवाई के लिए नवाचार।
विश्व के विभिन्न हिस्सों से प्रतिष्ठानुमान एवं पूर्वानुमान के अनुसार, इस बार का कॉप एक नए प्रोटोकॉल के लिए मुख्य रूप से बातचीत करेगा जिसमें जलवायु परिवर्तन के लिए और अधिक उत्तरदाताओं को जिम्मेदार बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्य विषयः जलवायु न्याय, विकास, और सहयोग:
कॉप 28 का मुख्य उद्देश्य जलवायु न्याय, विकास, और सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके तहत, उदाहरण स्वरूप, उदारिता की दृष्टि से विकस्त देशों को विकासीन देशों के साथ सहयोग करने के लिए एक प्रमाणपत्र तैयार करने पर गौर किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
कॉप 28 विशेष रूप से विकस्त और विकासशील देशों के बीच जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर साझा स्थिति बनाने का प्रयास कर रहा है। इससे स्वच्छ ऊर्जा, वृक्षारोपण, और पारिस्थितिकी उन्नति की दिशा में मिली-भगती हो रही है।
कॉप 28 से हम यह आशा कर सकते हैं कि विश्व बातचीत के माध्यम से साझा सोचकर जलवायु परिवर्तन के लिए समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाएगा और सभी देश मिलकर इस गंभीर समस्या का समाधान निकालेंगे।
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